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‼️आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं, पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।‼️🦚🌱🍁🍂🌿☘️🌾🦚🚩By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब‼️सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते.⛳🚩‼️देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।⛳‼️बाल वनिता महिला आश्रम🚩🦚🌱🍁🍂🌿☘️🌾🦚🚩 🌹रामचरितमानस में श्रीगोस्वामी तुलसीदासजी महाराज कहते हैं-नानापुराणनिगमागमसम्मतं यद् ।रचि महेस निज मानस राखा ।पाइ सुसमउ सिवा सन भाषा ।1/34/11संभु प्रसाद सुमति हियँ हुलसी।रामचरितमानस कवि तुलसी।।1/36/1तो यह भोलेनाथ ने लिखी और उन्हीं का प्रसाद है।🌹रामचरितमानस वेदों श्रुतियों और पुराणों का सार है।गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज रामचरितमानस की आरती में भी लिखते हैं-गावत बेद पुरान अष्टदस।छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस।🌹तो आइए हम उसी विश्वास के साथ इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक है और मानस दुर्गा सप्तशती में मात्र 7 चौपाइयों हैं। इनका विधिवत् विश्वास के साथ पाठ करने से वही फल मिलता है, जो दुर्गा सप्तशती के पाठ से मिलता है।🔱⛳मानस दुर्गा सप्तशती⛳🔱🌿जय जय गिरिबर राजकिशोरी। जय महेश मुख चंद्र चकोरी ।।🌿जय गज बदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता।🌿नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाव वेद नहिं जाना।।🌿भव भव विभव पराभव कारिनि। विश्व मोहिनि स्वबस बिहारिनि।।🌿पतिदेवता सुतीय महँ मातु प्रथम तव रेख।महिमा अमित न सकहिं कहि सहस शारदा शेष।🌿सेवत तोहि सुलभ फल चारि। बरदायनि त्रिपुरारि पियारी।।🌿देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳‼️जय माता दी👏🔱⛳‼️‼️प्रभु की कृपा भयउ सब काजू।जन्म हमार सुफल भा आजू।।रामकृपा नासहिं सब रोगा।जो यह भाँति बने संजोगा।।नासे रोग हरै सब पीरा ।जपत निरंतर हनुमत वीरा।।पाहि नाथ मम पाहि गोसाई। यह खल खाइ दुष्ट की नाईं।।जय रघुवंश बनज बन भानू।गहन दनुज कुल दहन कृसानु‼️🔱🌹ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे🌹🔱 🌹या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थित ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः👏 🚩या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥👏बासिन्तक नवरात्रोत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं🌹स्वस्थ रहें, स्वच्छ रहें, सावधानी रखें,!सपरिवार सकुशलता का अभिलाषी!!! 🚩🙏नुतन वर्षाभिनंदन🙏🙏आप सबको सपरिवार नववर्ष विक्रम संवत 2078 की बहुत बहुत शुभकामनाएं... *नुतन वर्षाभिनंदन...* 🙏🚩🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🔱माता शारदा देवी की जय🔱 🚩🙏जय माता दी🙏🚩 🚩जय सियाराम🙏🌹🙏 🚩श्री राम जय राम जय जय राम🚩

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‼️आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं, 
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।‼️
🦚🌱🍁🍂🌿☘️🌾🦚
‼️सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते.⛳
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‼️देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।⛳‼️
🚩🦚🌱🍁🍂🌿☘️🌾🦚🚩

    🌹रामचरितमानस में श्रीगोस्वामी तुलसीदासजी महाराज कहते हैं-
नानापुराणनिगमागमसम्मतं यद् ।
रचि महेस निज मानस राखा ।
पाइ सुसमउ सिवा सन भाषा ।1/34/11
संभु प्रसाद सुमति हियँ हुलसी।
रामचरितमानस कवि तुलसी।।1/36/1
तो यह भोलेनाथ ने लिखी और उन्हीं का प्रसाद है।
🌹रामचरितमानस वेदों श्रुतियों और पुराणों का सार है।
गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज रामचरितमानस की आरती में भी लिखते हैं-
गावत बेद पुरान अष्टदस।
छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस।
🌹तो आइए हम उसी विश्वास के साथ इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक है और मानस दुर्गा सप्तशती में मात्र 7 चौपाइयों हैं। इनका विधिवत् विश्वास के साथ पाठ करने से वही फल मिलता है, जो दुर्गा सप्तशती के पाठ से मिलता है।

🔱⛳मानस दुर्गा सप्तशती⛳🔱

🌿जय जय गिरिबर राजकिशोरी।
     जय महेश मुख चंद्र चकोरी ।।

🌿जय गज बदन षडानन माता।
     जगत जननि दामिनि दुति गाता।

🌿नहिं तव आदि मध्य अवसाना।
     अमित प्रभाव वेद नहिं जाना।।

🌿भव भव विभव पराभव कारिनि।
     विश्व मोहिनि स्वबस बिहारिनि।।

🌿पतिदेवता सुतीय महँ मातु प्रथम तव रेख।
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस शारदा शेष।

🌿सेवत तोहि सुलभ फल चारि।
     बरदायनि त्रिपुरारि पियारी।।

🌿देबि पूजि पद कमल तुम्हारे।
     सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।

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‼️जय माता दी👏🔱⛳‼️

‼️प्रभु की कृपा भयउ सब काजू।
जन्म हमार सुफल भा आजू।।
रामकृपा नासहिं सब रोगा।
जो यह भाँति बने संजोगा।।
नासे रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत वीरा।।
पाहि नाथ मम पाहि गोसाई। 
यह खल खाइ दुष्ट की नाईं।।
जय रघुवंश बनज बन भानू।
गहन दनुज कुल दहन कृसानु‼️

🔱🌹ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे🌹🔱   

🌹या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थित ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः👏 

🚩या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥👏

बासिन्तक नवरात्रोत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं🌹

स्वस्थ रहें, स्वच्छ रहें, सावधानी रखें,!
सपरिवार सकुशलता का अभिलाषी!!!

 🚩🙏नुतन वर्षाभिनंदन🙏

🙏आप सबको सपरिवार 
नववर्ष विक्रम संवत 2078 की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
 *नुतन वर्षाभिनंदन...* 🙏🚩
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🔱माता शारदा देवी की जय🔱

   🚩🙏जय माता दी🙏🚩
   🚩जय सियाराम🙏🌹🙏
   🚩श्री राम जय राम जय जय राम🚩

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"महाराज कर सुभ अभिषेका | सुनत लहहिं नर बिरति बिबेका || सुर दुर्लभ सुख करि जग माही | अंतकाल रघुपति पुर जाही ||"* ( महाराज #श्रीरामचंद्रजी के कल्याणमय राज्याभिषेक का चरित्र 'निष्कामभाव से' सुनकर मनुष्य वैराग्य और ज्ञान प्राप्त करते हैं |समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब वे जगत में देवदुर्लभ सुखों को भोगकर अंतकाल में #श्रीरामजी के परमधाम को जाते हैं | )***

"महाराज कर सुभ अभिषेका |  सुनत लहहिं नर बिरति बिबेका ||  सुर दुर्लभ सुख करि जग माही |  अंतकाल रघुपति पुर जाही ||" By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब *      ( महाराज #श्रीरामचंद्रजी के कल्याणमय राज्याभिषेक का चरित्र 'निष्कामभाव से' सुनकर मनुष्य वैराग्य और ज्ञान प्राप्त करते हैं | वे जगत में देवदुर्लभ सुखों को भोगकर अंतकाल में #श्रीरामजी के परमधाम को जाते हैं | ) ***

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही।अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था।जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे।रात हुई तो बुढ़िया का भाई आया और कहने लगा कि दीदी मैं तो खाना खाऊँगा। बुढ़िया परेशान हो गई कि अब खाना कहाँ से लाएगी। लड़की ने पूछा की माँ क्या बात है ? उसने कहा कि तेरा मामा आया है और रोटी खाएगा लेकिन रोटी तो सबने खा ली है अब उसके लिए कहाँ से लाऊँगी। लड़की बोली कि मैं बना दूँगी और वह रसोई में गई और मामा के लिए छत्तीसों व्यंजन बना दिए। मामा ने भरपेट खाया और कहा भी कि ऎसा खाना इससे पहले उसने कभी नहीं खाया है। बुढ़िया ने कहा कि भाई तेरी पावनी भाँजी है उसी ने बनाया है। शाम हुई तो लड़की बोली कि माँ चौका लगा के चौके का दीया जला देना, कोठे में मैं सोऊँगी। बुढ़िया बोली कि ना बेटी तू डर जाएगी लेकिन वह बोली कि ना मैं ना डरुँगी, मैं अंदर कोठे में ही सोऊँगी। वह कोठे में ही जाकर सो गई। आधी रात को लड़की उठी और चारों ओर आँख मारी तो धन ही धन हो गया। वह बाहर जाने लगी तो एक बूढ़ा ब्राह्मण सो रहा था। उसने देखा तो कहा कि बेटी तू कहाँ चली? लड़की बोली कि मैं तो दरिद्रता दूर करने आई थी। अगर तुम्हें दूर करवानी है तो करवा लो। उसने बूढे के घर में भी आँख से देखा तो चारों ओर धन ही धन हो गया।बाल वनिता महिला आश्रमसुबह सवेरे सब उठे तो लड़की को ना पाकर उसे ढूंढने लगे कि पावनी बेटी कहां चली गई। बूढ़ा ब्राह्मण बोला कि वह तो लक्ष्मी माता थी जो तुम्हारे साथ मेरी दरिद्रता भी दूर कर गई। हे लक्ष्मी माता ! जैसे आपने उनकी दरिद्रता दूर की वैसे ही सबकी करना। बोलो 👉🌹🙏जय_माँ_लक्ष्मी🙏🌹

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏 🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही। अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था। जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे। रात हुई तो ...