सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबजानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती है?भक्तो की रक्षा करने एवं दुष्टो का विनाश करने के लिए माँ दुर्गा शेर पर विराजमान रहती है। माँ दुर्गा बुराइयो पर अच्छाई का प्रतीक है। शेर उग्रता तथा हिंसक प्रवर्ति का प्रतीक है । माँ दुर्गा सिंह पर सवार है जिसका अर्थ है उग्र और हिंसक प्रवर्तियों पर विजय प्राप्त करना ही शक्ति है।अधर्म पर नियंत्रण कर जब हम धर्म की राह पर चलते है तब भगवान् को पाना भी आसान हो जाता है। परमात्मा की शक्ति का प्रतीक देवी है। देवी की शक्ति के बिना तो भगवान् भी अधूरे है। बाल वनिता महिला आश्रमधार्मिक कथाएंइस कथा के अनुसार एक बार माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की । जिसके कारण माँ का रंग भी काला हो गया। यह तपस्या सफल हुई और माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति के रूप में प्राप्त किया ।एक दिन कैलाश पर्वत पर बैठे हुए भगवान् शिव ने पार्वती को ‘काली’ कह दिया जिसके कारण माँ क्रोधित होकर वहां से चली गयी तथा वन में जाकर कठोर तपस्या करने लगी। वन में माँ को खाने के लिए एक भूखा शेर भी आ गया लेकिन माँ को तपस्या करते हुए देखकर चुपचाप वही बैठ गया।शेर भी तपस्या में इतना लीन हो गया की माँ तथा शेर को तपस्या करते हुए कई हजारो साल हो गये। अंत में भगवान् शंकर तपस्या को समाप्त करने के लिए वहां आये और पार्वती को ‘ गौरी ‘होने का वरदान दिया । इसके पश्चात् माँ गंगा स्नान के लिए चली गई उसी समय एक काली रंग की माता उनके शरीर में से प्रकट हुई। जिससे माँ का रंग दुबारा गौरा हो गया । काली देवी को (कौशिकी)नाम से पुकारा जाने लगा। गौरी होने के बाद माँ पार्वती को (महागौरी) नाम से भी जाना जाने लगा। माता ने शेर की प्रतीक्षा को एक तपस्या से कम नहीं समझाऔर उसे वरदान के रूप में अपने वाहन के रूप में स्वीकार किया। जिसके कारण शेर माँ की सवारी बन गया ।नवरात्रि में जौ बोने का कारणजानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती है?बाल वनिता महिला आश्रमधार्मिक मान्यता के अनुसार सबसे पहले धरती पर जौ की फसल उगाई गयी थी। माना जाता है कि अन्न भगवान् ब्रह्मा जी का एक स्वरुप है। नवरात्रि में भी महागौरी के पूजन में भी अन्न का विशेष स्थान है। इसी वजह से काशी में नवगौरी यात्रा में महागौरी के दर्शन अन्नपूर्णा मंदिर में होते है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि माँ पार्वती काशी में महादेव के साथ रही थी।जय माता दी

जानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती है?

जानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती  है?

भक्तो की रक्षा करने एवं दुष्टो का विनाश करने के लिए माँ दुर्गा शेर पर विराजमान रहती है। माँ दुर्गा बुराइयो पर अच्छाई का प्रतीक है। शेर उग्रता तथा हिंसक प्रवर्ति का प्रतीक है । माँ दुर्गा सिंह पर सवार है जिसका अर्थ है उग्र और हिंसक प्रवर्तियों पर विजय प्राप्त करना ही शक्ति है।

अधर्म पर नियंत्रण कर जब हम धर्म की राह पर चलते है तब भगवान् को पाना भी आसान हो जाता है। परमात्मा की शक्ति का प्रतीक देवी है। देवी की शक्ति के बिना तो भगवान् भी अधूरे है। 

बाल वनिता महिला आश्रम

धार्मिक कथाएं

इस कथा के अनुसार एक बार माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की । जिसके कारण माँ का रंग भी काला हो गया। यह तपस्या सफल हुई और माँ पार्वती ने भगवान् शिव को पति के रूप में प्राप्त किया ।

एक दिन  कैलाश पर्वत पर बैठे हुए भगवान् शिव ने पार्वती को ‘काली’ कह दिया जिसके कारण माँ क्रोधित होकर वहां से चली गयी तथा वन में जाकर कठोर तपस्या करने लगी। वन में माँ को खाने के लिए एक भूखा शेर भी आ गया लेकिन माँ को तपस्या करते हुए देखकर चुपचाप वही बैठ गया।

शेर भी तपस्या में इतना लीन हो गया की  माँ तथा शेर को तपस्या करते हुए कई हजारो साल हो गये। अंत में भगवान् शंकर  तपस्या को समाप्त करने के लिए वहां आये और पार्वती को ‘ गौरी ‘होने का वरदान दिया । इसके पश्चात् माँ गंगा स्नान के लिए चली गई उसी समय एक काली रंग की माता उनके शरीर में से प्रकट हुई। 

जिससे माँ का रंग दुबारा गौरा हो गया  । काली देवी को (कौशिकी)नाम से पुकारा जाने लगा। गौरी होने के बाद माँ पार्वती को (महागौरी) नाम से भी जाना जाने लगा। माता ने शेर की प्रतीक्षा को एक तपस्या से कम नहीं समझाऔर उसे वरदान के रूप में अपने वाहन के रूप में स्वीकार किया। जिसके कारण शेर माँ की सवारी बन गया ।

नवरात्रि में जौ बोने का  कारण

जानिये माँ शेर पर ही क्यों विराजमान होती  है?
बाल वनिता महिला आश्रम

धार्मिक मान्यता के अनुसार सबसे पहले धरती पर जौ की फसल उगाई गयी थी। माना जाता है कि अन्न भगवान् ब्रह्मा जी का एक स्वरुप है।  नवरात्रि में भी महागौरी के पूजन में भी अन्न का विशेष स्थान है।  इसी वजह से काशी में नवगौरी यात्रा में महागौरी के दर्शन अन्नपूर्णा मंदिर में होते है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि माँ पार्वती काशी में महादेव के साथ रही थी।

जय माता दी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही।अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था।जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे।रात हुई तो बुढ़िया का भाई आया और कहने लगा कि दीदी मैं तो खाना खाऊँगा। बुढ़िया परेशान हो गई कि अब खाना कहाँ से लाएगी। लड़की ने पूछा की माँ क्या बात है ? उसने कहा कि तेरा मामा आया है और रोटी खाएगा लेकिन रोटी तो सबने खा ली है अब उसके लिए कहाँ से लाऊँगी। लड़की बोली कि मैं बना दूँगी और वह रसोई में गई और मामा के लिए छत्तीसों व्यंजन बना दिए। मामा ने भरपेट खाया और कहा भी कि ऎसा खाना इससे पहले उसने कभी नहीं खाया है। बुढ़िया ने कहा कि भाई तेरी पावनी भाँजी है उसी ने बनाया है। शाम हुई तो लड़की बोली कि माँ चौका लगा के चौके का दीया जला देना, कोठे में मैं सोऊँगी। बुढ़िया बोली कि ना बेटी तू डर जाएगी लेकिन वह बोली कि ना मैं ना डरुँगी, मैं अंदर कोठे में ही सोऊँगी। वह कोठे में ही जाकर सो गई। आधी रात को लड़की उठी और चारों ओर आँख मारी तो धन ही धन हो गया। वह बाहर जाने लगी तो एक बूढ़ा ब्राह्मण सो रहा था। उसने देखा तो कहा कि बेटी तू कहाँ चली? लड़की बोली कि मैं तो दरिद्रता दूर करने आई थी। अगर तुम्हें दूर करवानी है तो करवा लो। उसने बूढे के घर में भी आँख से देखा तो चारों ओर धन ही धन हो गया।बाल वनिता महिला आश्रमसुबह सवेरे सब उठे तो लड़की को ना पाकर उसे ढूंढने लगे कि पावनी बेटी कहां चली गई। बूढ़ा ब्राह्मण बोला कि वह तो लक्ष्मी माता थी जो तुम्हारे साथ मेरी दरिद्रता भी दूर कर गई। हे लक्ष्मी माता ! जैसे आपने उनकी दरिद्रता दूर की वैसे ही सबकी करना। बोलो 👉🌹🙏जय_माँ_लक्ष्मी🙏🌹

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏 🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही। अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था। जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे। रात हुई तो ...

Bal Vanitha Mahila Ashram What is such a thing that by applying it on the navel, even 40 years old starts looking 25 years old?By philanthropist Vanitha Kasniya PunjabOriginally Answered: What are the things that can be applied on the navel?

बाल वनिता महिला आश्रम ऐसी कौन-सी चीज है जो नाभि पर लगाते रहने से 40 साल का भी 25 साल का नजर आने लगता है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: ऐसी कौन-सी चीज है जो नाभि पर लगाने से 40 साल का भी 25 साल का नजर आने लगता है? बचपन से ही नाभि पर साधारण देसी घी/सरसों तेल/ हींग या लौंग वाला देसी घी लगाते हमने देखा है। आजकल तो नाभि से सम्बंधित चीजों की बाढ़ जैसी आ गई है तेल लगाने से लेकर मालिश, लेप, नेवल केंडलिग, विभिन्न प्रकार के नेवल थेरपिज आदि। हमारे यहां इसका इस्तेमाल पीढ़ियों से चला आ रहा है और यह बेहद असरदार साबित होता रहा है। सबसे पहले जान लेते हैं नाभि की महत्वता:- जब हम  कुंडलिनी, नाड़ी तंत्र और क्लासिकल हट योग की बात करते हैं तब आपकी नाभि को ऊर्जा के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखा जाता है। नाभि को प्राण की उत्पत्ति या बीज के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को सारे पोषक तत्व नाभि (umbilical cord) से ही प्राप्त होते हैं। कुंडलिनी के संदर्भ में नाभि के स्थान को मणिपुर 👆👆👆चक्र / एनर्जी चैनल के रूप में देखा जाता है इसे सो...

#Happy_dipawli #दीपावली- दीपावली :-"#दीयों की रोशनी से #जगमगाता........#आंगन हो, #पटाखों की #रोशनी से जग मगाता #आसमान हो, ऐसी आये #झूम के ये........................#दीपावली, हर तरफ #खुशियां का #मौसम हो"..!!आप सभी को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.....|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ||'दीपावली माने दीपो की वली परंपरा, घर को भीतर-बाहर से दीप प्रकाश से भरकर सकारात्मक उर्जा से भर देना, फिर भीतर भी ईश्वर को प्रकृति माता को अब तक जो भी सुविधा साधन पाया है और आगे पाएंगे उसका धन्यवाद देते यही प्रार्थना करना......🙏🙏#swamimadhurramjisatsang #sanatandharma #deepawali2022 #ShubhDeepawali #दीपावली #शुभदीपावली #deepawali

#Happy_dipawli  #दीपावली - दीपावली :- "#दीयों की रोशनी से #जगमगाता........#आंगन हो,  #पटाखों की #रोशनी से जग मगाता #आसमान हो,  ऐसी आये #झूम के ये........................#दीपावली,  हर तरफ #खुशियां का #मौसम हो"..!! आप सभी को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..... || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || 'दीपावली माने दीपो की वली परंपरा, घर को भीतर-बाहर से दीप प्रकाश से भरकर सकारात्मक उर्जा से भर देना, फिर भीतर भी ईश्वर को प्रकृति माता को अब तक जो भी सुविधा साधन पाया है और आगे पाएंगे उसका धन्यवाद देते यही प्रार्थना करना......🙏🙏 #swamimadhurramjisatsang #sanatandharma #deepawali2022 #ShubhDeepawali #दीपावली #शुभदीपावली #deepawali