सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

21 जून, 2021, सोमवार को निर्जला एकादशी व्रत है। निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में सबसे अधिक श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन व्रत करने से 24 एकादशी व्रत करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी पूजा- विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट...एकादशी मुहूर्त चाणक्य नीति: किसी पर भरोसा करने से पहले जान लें उसकी ये 3 बातें, वरना पड़ सकता ह पछताना राशिफल 21 जून: मेष व कन्या राशि वाले रोजगार में करेंगे तरक्की, इस राशिके जातक गृहकलह से बचें मिथुन व तुला के बाद इन राशि वालों पर शुरू होगी शनि ढैय्या, जानें क्या महादशा की चपेट में आएगी आपकी राशि?2021/06/21 06:56:43 Nirjala Ekadashi 2021 : निर्जला एकादशी के दिन जरूर करें इस कथा का पाठ, जानें किस समय पूजा करना होगा शुभ2021/06/21 06:38:एकादशी तिथि प्रारम्भ - जून 20, 2021 को 04:21 पी एम एकादशी तिथि समाप्त - जून 21, 2021 को 01:31 पी एम पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 22 जून को, 05:24 ए एम से 08:12 ए एमनिर्जला एकादशी पूजा- विधि बाल वनिता महिला आश्रमसुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

  निर्जला एकादशी व्रत आज, जानें पूजा- विधि, नियम, शुभ मुहूर्त, महत्व और सामग्री का पूरी लिस्ट
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
Livehindustan






21 जून, 2021, सोमवार को निर्जला एकादशी व्रत है। निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में सबसे अधिक श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन व्रत करने से 24 एकादशी व्रत करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी पूजा- विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट...

एकादशी मुहूर्त

  • एकादशी तिथि समाप्त - जून 21, 2021 को 01:31 पी एम 
  • पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 22 जून को, 05:24 ए एम से 08:12 ए एम

निर्जला एकादशी पूजा- विधि 

बाल वनिता महिला आश्रम

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान की आरती करें। 
  • भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान क.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही।अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था।जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे।रात हुई तो बुढ़िया का भाई आया और कहने लगा कि दीदी मैं तो खाना खाऊँगा। बुढ़िया परेशान हो गई कि अब खाना कहाँ से लाएगी। लड़की ने पूछा की माँ क्या बात है ? उसने कहा कि तेरा मामा आया है और रोटी खाएगा लेकिन रोटी तो सबने खा ली है अब उसके लिए कहाँ से लाऊँगी। लड़की बोली कि मैं बना दूँगी और वह रसोई में गई और मामा के लिए छत्तीसों व्यंजन बना दिए। मामा ने भरपेट खाया और कहा भी कि ऎसा खाना इससे पहले उसने कभी नहीं खाया है। बुढ़िया ने कहा कि भाई तेरी पावनी भाँजी है उसी ने बनाया है। शाम हुई तो लड़की बोली कि माँ चौका लगा के चौके का दीया जला देना, कोठे में मैं सोऊँगी। बुढ़िया बोली कि ना बेटी तू डर जाएगी लेकिन वह बोली कि ना मैं ना डरुँगी, मैं अंदर कोठे में ही सोऊँगी। वह कोठे में ही जाकर सो गई। आधी रात को लड़की उठी और चारों ओर आँख मारी तो धन ही धन हो गया। वह बाहर जाने लगी तो एक बूढ़ा ब्राह्मण सो रहा था। उसने देखा तो कहा कि बेटी तू कहाँ चली? लड़की बोली कि मैं तो दरिद्रता दूर करने आई थी। अगर तुम्हें दूर करवानी है तो करवा लो। उसने बूढे के घर में भी आँख से देखा तो चारों ओर धन ही धन हो गया।बाल वनिता महिला आश्रमसुबह सवेरे सब उठे तो लड़की को ना पाकर उसे ढूंढने लगे कि पावनी बेटी कहां चली गई। बूढ़ा ब्राह्मण बोला कि वह तो लक्ष्मी माता थी जो तुम्हारे साथ मेरी दरिद्रता भी दूर कर गई। हे लक्ष्मी माता ! जैसे आपने उनकी दरिद्रता दूर की वैसे ही सबकी करना। बोलो 👉🌹🙏जय_माँ_लक्ष्मी🙏🌹

#जय_माँ_लक्ष्मी 🙏 🙏 🙏 🔯 #माता_लक्ष्मी__की_कथा 🔯 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक बूढ़ा ब्राह्मण था वह रोज पीपल को जल से सींचता था । पीपल में से रोज एक लड़की निकलती और कहती पिताजी मैं आपके साथ जाऊँगी। यह सुनते-सुनते बूढ़ा दिन ब दिन कमजोर होने लगा तो बुढ़िया ने पूछा की क्या बात है ? बूढ़ा बोला कि पीपल से एक लड़की निकलती है और कहती है कि वह भी मेरे साथ चलेगी। बुढ़िया बोली कि कल ले आना उस लड़की को जहाँ छ: लड़कियाँ पहले से ही हमारे घर में है वहाँ सातवीं लड़की और सही। अगले दिन बूढ़ा उस लड़की को घर ले आया। घर लाने के बाद बूढ़ा आटा माँगने गया तो उसे पहले दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा आटा मिला था। जब बुढ़िया वह आटा छानने लगी तो लड़की ने कहा कि लाओ माँ, मैं छान देती हूँ। जब वह आटा छानने बैठी तो परात भर गई। उसके बाद माँ खाना बनाने जाने लगी तो लड़की बोली कि आज रसोई में मैं जाऊँगी तो बुढ़िया बोली कि ना, तेरे हाथ जल जाएँगे लेकिन लड़की नहीं मानी और वह रसोई में खाना बनाने गई तो उसने तरह-तरह के छत्तीसों व्यंजन बना डाले और आज सभी ने भरपेट खाना खाया। इससे पहले वह आधा पेट भूखा ही रहते थे। रात हुई तो ...

Bal Vanitha Mahila Ashram What is such a thing that by applying it on the navel, even 40 years old starts looking 25 years old?By philanthropist Vanitha Kasniya PunjabOriginally Answered: What are the things that can be applied on the navel?

बाल वनिता महिला आश्रम ऐसी कौन-सी चीज है जो नाभि पर लगाते रहने से 40 साल का भी 25 साल का नजर आने लगता है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: ऐसी कौन-सी चीज है जो नाभि पर लगाने से 40 साल का भी 25 साल का नजर आने लगता है? बचपन से ही नाभि पर साधारण देसी घी/सरसों तेल/ हींग या लौंग वाला देसी घी लगाते हमने देखा है। आजकल तो नाभि से सम्बंधित चीजों की बाढ़ जैसी आ गई है तेल लगाने से लेकर मालिश, लेप, नेवल केंडलिग, विभिन्न प्रकार के नेवल थेरपिज आदि। हमारे यहां इसका इस्तेमाल पीढ़ियों से चला आ रहा है और यह बेहद असरदार साबित होता रहा है। सबसे पहले जान लेते हैं नाभि की महत्वता:- जब हम  कुंडलिनी, नाड़ी तंत्र और क्लासिकल हट योग की बात करते हैं तब आपकी नाभि को ऊर्जा के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखा जाता है। नाभि को प्राण की उत्पत्ति या बीज के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को सारे पोषक तत्व नाभि (umbilical cord) से ही प्राप्त होते हैं। कुंडलिनी के संदर्भ में नाभि के स्थान को मणिपुर 👆👆👆चक्र / एनर्जी चैनल के रूप में देखा जाता है इसे सो...

#Happy_dipawli #दीपावली- दीपावली :-"#दीयों की रोशनी से #जगमगाता........#आंगन हो, #पटाखों की #रोशनी से जग मगाता #आसमान हो, ऐसी आये #झूम के ये........................#दीपावली, हर तरफ #खुशियां का #मौसम हो"..!!आप सभी को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.....|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ||'दीपावली माने दीपो की वली परंपरा, घर को भीतर-बाहर से दीप प्रकाश से भरकर सकारात्मक उर्जा से भर देना, फिर भीतर भी ईश्वर को प्रकृति माता को अब तक जो भी सुविधा साधन पाया है और आगे पाएंगे उसका धन्यवाद देते यही प्रार्थना करना......🙏🙏#swamimadhurramjisatsang #sanatandharma #deepawali2022 #ShubhDeepawali #दीपावली #शुभदीपावली #deepawali

#Happy_dipawli  #दीपावली - दीपावली :- "#दीयों की रोशनी से #जगमगाता........#आंगन हो,  #पटाखों की #रोशनी से जग मगाता #आसमान हो,  ऐसी आये #झूम के ये........................#दीपावली,  हर तरफ #खुशियां का #मौसम हो"..!! आप सभी को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..... || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय || 'दीपावली माने दीपो की वली परंपरा, घर को भीतर-बाहर से दीप प्रकाश से भरकर सकारात्मक उर्जा से भर देना, फिर भीतर भी ईश्वर को प्रकृति माता को अब तक जो भी सुविधा साधन पाया है और आगे पाएंगे उसका धन्यवाद देते यही प्रार्थना करना......🙏🙏 #swamimadhurramjisatsang #sanatandharma #deepawali2022 #ShubhDeepawali #दीपावली #शुभदीपावली #deepawali